नई दिल्ली: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ‘आप’ ने भाजपा पर मतदाता सूची से गरीबों, अनुसूचित जातियों और दलित समुदाय के लोगों के नाम हटाने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। बुधवार को आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर इस मुद्दे पर सबूत पेश किए। पार्टी का दावा है कि भाजपा ने जानबूझकर दिल्ली के गरीब और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं के नाम सूची से हटाए हैं।
11,000 लोगों के नाम हटाए गए!
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शाहदरा क्षेत्र में भाजपा के एक सदस्य ने 11,000 मतदाताओं के वोट काटने का काम किया है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि इस तरह की गतिविधियों को तुरंत रोका जाए और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। चुनाव आयोग ने ‘आप’ को आश्वासन दिया कि चुनाव से पहले किसी भी प्रकार का सामूहिक विलोपन नहीं किया जाएगा और बूथ स्तर पर इन मामलों की जांच की जाएगी।
भा.ज.पा. पर AAP का आरोप
आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि भाजपा ने बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए आवेदन जमा किए हैं। उन्होंने कहा, “जब भाजपा के लिए अरविंद केजरीवाल को हराना असंभव हो गया, तो वे अब वोट काटकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं।” सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने उन लोगों के नाम भी हटाने की कोशिश की है, जो लंबे समय से अपने क्षेत्र में रह रहे थे।
राजनीतिक माहौल गरमाया
आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार दिल्ली में सत्ता हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जबकि भाजपा पर चुनाव प्रभावित करने के प्रयास का आरोप लगा रही है। भाजपा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित और गलत बताया है। इस विवाद के कारण दिल्ली का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है, और चुनाव आयोग पर निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे का क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।